क्या अरविन्द केजरीवाल दिल्ली को बरबाद कर के रहेगा?
इन हालात में अगर अरविन्द केजरीवाल पांच साल दिल्ली में रह गया, तो मान लीजिये यह दिल्ली को पचास साल पीछे ले जायेगा । बरबाद कर देगा दिल्ली को ।
By Rakesh Raman
भाईयो और बहनों । अगर आप भारत का इतिहास उठा कर देखें, तो आप जान जायेंगे की यहाँ की राजनीति में एक झूठा और मक्कार आदमी (या औरत) ही शामिल हो सकता है । साथ में यह भी सच है की भारत की राजनीति में सफलता हासिल करने के लिए, एक धोखेबाज होना भी अत्यंत आवशयक है ।
आप अरविन्द केजरीवाल को ही देख लें जो कि अब दिल्ली का मुख्य मंत्री बना हुआ है और आम आदमी पार्टी (AAP) का नेता है । केजरीवाल राजनीति में भी शामिल है और शायद सफल भी है । तो क्या केजरीवाल झूठा, मक्कार, और धोखेबाज है?
भाईयो और बहनों, आप खुद ही पढ़िए और जान जाइये । केजरीवाल ने अपने राजनितिक लालच के लिए अपने बच्चों की झूठी कस्मे खाई । बहुत लोगों को याद होगा कि 2013 में केजरीवाल ने अपने बच्चों की कसम खा कर कहा था कि वो दिल्ली में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस पार्टी का साथ नहीं लेगा ।
लेकिन जब सरकार बनाने का समय आया तो यह आदमी अपने बच्चों की कसम तक को भूल गया और इसने लालच में आकर कांग्रेस का साथ लिया । लोगों का मानना है कि जो अपने बच्चों का न हुआ वो किसका होगा ।
इससे पहले इसी केजरीवाल ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हज़ारे को धोखा दिया । हालाँकि केजरीवाल हज़ारे को अपना गुरु कहता था, लेकिन जब हज़ारे की वजह से इसने 2012 में नाम बना लिया, तो इसने अपने गुरु हज़ारे को भी ठोकर मार दी और राजनितिक दलदल में घुस गया । केजरीवाल भूल गया कि यह वो ही भारत है जहाँ एकलव्य जैसे शिष्य ने अपने गुरु की खातिर अपना अँगूठा काट कर दे दिया था ।
लेकिन अगर इस आदमी का बस चले तो यह लालच में किसी का गला भी काट दे । और इसने अपने साथियों – योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण – को पार्टी से निकाल कर कुछ ऐसा ही किया । याद तो होगा आप को जब इसने कुछ महीने पहले उन दोनों का पत्ता साफ किया था ।
ऐसे कई पुराने किस्से हैं, लेकिन आइए अब कुछ नई बात करें केजरीवाल के बारे में । आपने केजरीवाल को सुना होगा जब वो कहता है कि अगर इस महीने (जुलाई 2015) में दुबारा वोट पड़ें तो इसकी पार्टी चुनाव में सारी सीटें जीत जाएगी । यह हिसाब केजरीवाल नें कैसे लगाया? न किसी नें पूछा, न इसने बताया ।
फिर यह कहता है की दिल्ली की जनता इसकी सरकार से बहुत खुश है । यह हिसाब केजरीवाल नें कैसे लगाया? न किसी नें पूछा, न इसने बताया । केजरीवाल के सारे दावे झूठ हैं । जो लोग इस आदमी को जान गए हैं, वो देख रहें हैं कि इसकी झूठ बोलने की आदत जा नहीं रही है । कुछ का तो यह भी कहना है कि यह झूठ बोलने की आदत कुत्ते की उसी दुम की तरह है जो सालों नली में रखी लेकिन फिर टेढ़ी की टेढ़ी । कृपया इस कुत्ते वाली बात को एक मुहावरे की तरह ही लें ।
तो फिर सच्चाई क्या है? र.म.न. न्यूज़ सर्विस के एक सर्वे के मुताबिक जो की अभी जारी है, सिर्फ 32% दिल्ली के लोग ही केजरीवाल की “आप” सरकार से खुश हैं । चारों तरफ लोग इस पार्टी पर थू–थू कर रहें हैं । और इसका सबसे बढ़ा कारण केजरीवाल का झूठ और फरेब ही माना जा रहा है । साथ में केजरीवाल और इसके मंत्रियों की क़ाबलियत पर भी लोगों को शक है ।
केजरीवाल की सरकार पूरी तरह से फेल हो चुकी है और इसकी विफलता के नतीजे आप के सामने हैं । आज दिल्ली दुनिया का सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर है । यहाँ हर गली में इतना गंद और कूड़ा करकट है कि लोगों का चलना भी मुश्किल है । यह भी माना जा रहा है कि दिल्ली अब दुनिया का सबसे गंदा शहर भी है । जिस दिल्ली में टुरिज़म बढ़ाने की बात हो रही है, वहाँ हर जगह गली के कुत्ते गंद फैला रहे हैं ।
हालाँकि केजरीवाल लोगों को यह कह कर एक बार फिर मुर्ख बना रहा है कि दिल्ली से भरष्टाचार खत्म हो रहा है, सच्चाई यह है कि यहाँ भरष्टाचार बढ़ रहा है । और भाई–भतीजावाद का दौर जो केजरीवाल ने शुरू किया है जिसमें काबिल लोगों को एक तरफ करके, कुछ जान–पहचान वालों को मोटी नौकरियों पर रखा जा रहा है, अपने आप में एक तरह का भरष्टाचार है ।
और देखिये । केजरीवाल कहता है वह नए सरकारी बज़ट में शिक्षा के ऊपर जय्दा खर्च करेगा । नए शिक्षा संस्थान खोलेगा । तो क्या? पढ़ लिख कर और डिग्रियाँ लेकर क्या करेंगे लोग? नौकरी कहाँ है? जो थोड़ी नौकरियाँ हैं, वहाँ डिग्री देखे बिना अपने जान–पहचान वालों को यह नौकरियाँ दे देगा । यह सब लोगों को मुर्ख बनाना नहीं तो और क्या है?
केजरीवाल के राज में और दिल्ली सरकार में इस वक्त इतने नौसिखियें भरे पड़े हैं कि इन सब की डिग्रियों की कानूनी जाँच होनी चाहिए । यह सब मिलकर जनता का पैसा उड़ा रहे हैं ।
और तो और, अब केजरीवाल ने करोड़ों रुपये अपने प्रचार के लिए उड़ाने की ठान ली है । इसका कहना है कि क्योंकि मीडिया इसके कामों को नहीं दिखता, इसलिए वह विज्ञापन से अपनी मशहूरी करेगा । लेकिन सच्चाई यह है कि करोड़ों रुपये खर्च करके, केजरीवाल अपने झूठ को सच करना चाहता है । झूठे पोस्टरों और विज्ञापनों से वह काम दिखाना चाहता है, जो न इसने किया और न करेगा ।
यह भी माना जा रहा है कि इसमें से काफी पैसा उन मीडिया वालों के पास जायेगा जिनसे केजरीवाल अपनी तारीफ में बढ़ा चढ़ा कर लेख लिखवायेगा या टीवी शो और रेडियो प्रोग्राम करवाएगा । यह जनता के साथ धोखा नहीं तो और क्या है?
अगर आप सच में केजरीवाल और इसकी दिल्ली सरकार का काम देखना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आर्टीकल जरूर पढ़ें । माॅफ कीजियेगा यह लेख अंग्रेज़ी भाषा में हैं ।
[ Aam Aadmi Party Welcomes You to Dirty Delhi ]
[ Can Delhi Government Stop Corruption? No Way. ]
[ New Delhi: Where Deadly Pits Are Called Roads ]
केजरीवाल हर वक़्त बिजली और पानी के बिलों के बारे में डींग मारता है । लेकिन इस काम के लिए किसी हुनर या योग्यता की जरूरत नहीं है । यह तो एक कागज़ पर साइन करना ही है जो एक गधा भी कर सकता है अगर आप उसको दिल्ली का मुख़्य मंत्री बना दें । सुनिए यह गधे वाली बात सिर्फ एक उदहारण है, इसका कुछ और मतलब न निकालिएगा ।
आज स्थिति यह है कि केजरीवाल और इसका पूरा झुँड पूरी तरह से बेनकाब हो चूका है । इसको कुछ लालची मीडिया वाले या फेसबुक पर कुछ अनपढ़ और बेरोज़गार लोग ही परमोट या स्पोर्ट कर रहे हैं । इन हालात में अगर केजरीवाल पांच साल दिल्ली में रह गया, तो मान लीजिये यह दिल्ली को पचास साल पीछे ले जायेगा । बरबाद कर देगा दिल्ली को । मेरा मानना है आप सब इस दुविदा से वाकिफ हैं ।
इसका यह मतलब नहीं कि दूसरी पार्टियों में लोग अच्छे हैं । जैसे कि भाजपा और कांग्रेस में भी केजरीवाल की तरह ही बुरे और लालची लोग भरे हुए हैं । लेकिन इस वक्त सारी समस्या की जड़ केजरीवाल है ।
इसलिए आओ मिल कर केजरीवाल को भगाएं और दिल्ली बचाएं । आ रहे हैं न आप, भाईयो और बहनों?
By Rakesh Raman, the managing editor of RMN Company
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