Are Muslims of India Getting the Right Education?
The Vice President of India, M. Hamid Ansari, said Friday that in today’s India in which the operative slogan is ‘Sabka Saath, Sabka Vikas’, educational progress starting with quality elementary, secondary and skills education is imperative if all segments of society have to be together.
He was addressing the inaugural session of the Seminar on Educational Development of Weaker Sections of our Nation, organized by the Duty Society, AMU, Aligarh.
The President of Duty Society, Dr. Nadeem Tarin, the Chancellor, Sharda University, P.K. Gupta and other dignitaries were present on the occasion.
[ Can Madrasas in India Provide Modern Education to Muslims? ]
The Vice President said that the lofty ideals enshrined in our Constitution are realizable only through equality of status and opportunity which, in turn, are contingent on an educated citizen body.
मेरा अनुरोध
मेरा देश के सभी लोगों से – खास कर युवक और युवतियों से – अनुरोध है कि वे किसी भी राजनितिक दल या उसके नेता के फैन या अंधभक्त न बनें क्योंकि यह सब मिलकर आपको पिछले क़रीब 70 साल से लूट रहे हैं।
जो यह सारे नेता अख़बारों में या टीवी पर कहते हैं, वह सब झूठ है। जो यह अपनी सफ़लता के आंकड़े देते हैं या योजनायों की घोषणा करते हैं, वह भी झूठ है। भारत का मीडिया इनके नियंत्रण में है। आपको मुर्ख बनाया जा रहा है ताकि आप इन्हें वोट डालते रहें।
जो मैं कह रहा हुँ उसकी सच्चाई आप हर रोज़ अपने इर्दगिर्द देख सकते हो। आपके लिए न कहीं नौकरी है न ही अच्छी पढ़ाई है। आपके चारों तरफ़ गंद, महंगाई, भ्रष्टाचार, अपराध, और तनाव का माहौल है।
यही नहीं, बल्कि आपको आपके धर्म, जाति, रंग, और खाने–पीने के तरीकों को लेकर एक दूसरे से लड़ाया जा रहा है। आप आपस में जितना लड़ेंगे उतना इन राजनितिक भेडियों को फायदा है।
मेरा आप से यह अनुरोध है कि आप इन नेतायों की वज़ह से न तो भारत की गलियों में और न ही फेसबुक या टवीटर पर एक दूसरे से लड़ें। और मिलकर एक अच्छे और समृद्ध भारत का निर्माण करने की सोचें – ऐसा भारत जहाँ झूठे और धोखेबाज़ नेतायों के लिए कोई जगह न हो। अब भारत में एक बिल्कुल नई राजनीतिक प्रणाली की आवश्यकता है। आओ मिल कर इसे बनाएं।
और जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें। जय हिन्द। ~ Rakesh Raman
Citing figures from various government reports on the educational status of SC, ST and religious minorities, the Vice President said that despite the initiatives of successive governments, the corrective in its totality cannot come from the government alone and has to be supported and supplemented by public and community initiatives.
[ Education Dilemma: Let Us Save the Lives of Our School Children ]
He lamented that this is sporadic, patchy, and very unevenly spread geographically and community-wise and that this lack of community level effort is particularly noticeable amongst the Muslims.
Referring to a couplet from Iqbal, the Vice President said that the requirement is to go beyond ‘guftaar’. A need of the hour is a corrective step with all the energy and intensity that can be mustered, he added.
Photo courtesy: Press Information Bureau